Maharashtra सरकार का बड़ा फैसला: सभी Government Offices में Marathi बोलना Mandatory
Maharashtra सरकार ने एक बड़ा और सख्त फैसला लेते हुए सभी Government Offices में Marathi भाषा को Mandatory कर दिया है। नए Rules के मुताबिक, Officials को केवल विदेश से आने वाले या Other States के Visitors के साथ Communicate करते समय ही Other Languages का इस्तेमाल करने की Permission होगी। इस Rule को तोड़ने वालों के खिलाफ Strict Action लिया जाएगा।
नए Rules की पूरी Details
Maharashtra सरकार ने यह फैसला State में Marathi भाषा को Promote करने और उसके Importance को स्थापित करने के लिए लिया है। Government Offices में Official Work की Primary Language अब Marathi होगी। Officials और Employees को आपस में Communicate करते समय Marathi का ही इस्तेमाल करना होगा।
हालांकि, अगर कोई Visitor विदेश से आया हो या किसी Other State से हो, तो उसके साथ Communicate करते समय Other Languages का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति Marathi नहीं बोल पाता है, तो उसके साथ Hindi या English में Communicate किया जा सकता है।
Rule तोड़ने वालों के खिलाफ Strict Action
Maharashtra सरकार ने साफ कर दिया है कि इस Rule का पालन न करने वालों के खिलाफ Strict Action लिया जाएगा। Officials और Employees को इस Rule को तोड़ने पर Disciplinary Action का सामना करना पड़ सकता है। सरकार का मानना है कि यह कदम Marathi भाषा को उसका उचित Respect दिलाने और State की Culture को बचाए रखने के लिए जरूरी है।
लोगों की Reaction
इस फैसले पर लोगों की Mixed Reactions हैं। कुछ लोग इसे Marathi भाषा और Culture को Promote करने के लिए सही कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि यह Rule लोगों के लिए Problem का कारण बन सकता है, खासकर उनके लिए जो Marathi नहीं बोल पाते हैं।
वहीं, कुछ Experts का मानना है कि यह फैसला State में भाषाई Uniformity लाने में Helpful होगा, लेकिन इसे Implement करते समय लोगों की Convenience का भी ध्यान रखना चाहिए।
आगे क्या होगा?
Maharashtra सरकार के इस फैसले को लेकर अब यह देखना Interesting होगा कि इसे कितनी Strictly Implement किया जाता है। साथ ही, यह भी देखना होगा कि क्या यह Rule State में Marathi भाषा के प्रति लोगों का Interest बढ़ाने में Successful हो पाता है या नहीं।
फिलहाल, सरकार का यह कदम State की Language और Culture को बचाए रखने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
For Latest News : Nayi Khabar